Panchatantra : Best short stories for kids with great moral lesson

पंचतंत्र की कहानियाँ (Panchatantra Stories In Hindi)

Panchtantra stories in hindi

पंचतंत्र के कहानियो का परिचय (Introduction of Panchatantra Stories):

पंचतंत्र बच्चो के लिए नैतिक लोककथाओं और दंतकथाओं (folktales and fables for kids or  moral stories) का एक संग्रह है जो माना जाता है कि 2500 साल से अधिक पुराने हिंदू विद्वान पंडित विष्णु शर्मा द्वारा मूल रूप से संस्कृत में लिखा गया था।

कई जगहों पर इसका उदभव तीसरी शताब्दी  आस पास की मानी जाती हैं।  पंचतंत्र की रचना की सटीक अवधि के बारे में अनिश्चितता है।पंचतंत्र नीतिकथाओं में प्रथम स्थान पर मन गया है।  

यह प्राचीन भारतीय सभ्यता की काल्पनिक कहानियों (best fictitious stories) के सबसे लोकप्रिय संग्रह में से एक है। प्राचीन दंतकथाओं या  लोकथाओं  में  पंडित विष्णु शर्मा  का नाम प्रथम आता है।

पंचतंत्र की कहानिया 50 से अधिक भाषाओं में अनुवादित  किया जा चूका है ,इससे हम अंदाजा लगा सकते है की पंडित विष्णुशर्मा के पंचतंत्र की  कहानिया कितनी प्रसिद्ध हैं। 

पंचतंत्र की कहानियाँ जिनमें से अधिकांश किरदार जानवर लिए गए हैं और ये बच्चो  समझ  अनुसार लिखी गई हैं , जो बच्चों को  मजबूत नैतिक संदेश एवं सबक देती हैं। ये  कहानियां बच्चो में नैतिकता के साथ उन्हें अपने जीवन में कैसे रहना हैं , उन बातो  बताती हैं।  

बच्चों के लिए  पंचतंत्र की कहानियों में विभिन्न पात्रों को  जानवरों के रूप लिया गया  , जो उन्हें दिलचस्प बनाता है  और  उनको अपने तरफ आकर्षित करता  हैं।

नारायण भट्ट जिनकी प्रसिद्ध कहानिया हितोपदेश नाम से प्रसिद्ध है। इनकी कहानियो में भी पशु पक्षियों  के माध्यम से नैतिक कहानियां लिखी गए हैं। नारायण भट्ट ने स्वयं अपने लेखो में यह उल्लेख किया है की उनकी कहानिया पंचतंत्र के कहानियो से सृजित हैं। 

पंचतंत्र  की कहानियां  मुख्यतः 3 वर्ष से  लेकर 15  वर्ष  के बच्चो के द्वारा पसंद की जाती  है। आज भी अध्यापक  इन कहानियो के माध्यम से बच्चो में नैतिक ज्ञान का सीख देते है। 

पंचतंत्र की कहानियों की उत्पत्ति के बारे में (Origin of Panchatantra Stories):


राजा अमरशक्ति, जो दक्षिण भारत में शासन करते थे। उनके तीन पुत्र थे ,जिनका नाम बहुशक्ति  ,उग्रशक्ति ,अनन्तशक्ति  था। राजा ने अपने तीन राजकुमारों के सीखने में असमर्थता एवं उनके दुबुद्धि देख कर बहुत निराश हो गए  थे।  वो उत्तराधिकारी के रूप में अपने पुत्रो से संतुष्ट नहीं थे , जिसकी चिंता उन्हें दिनों दिन व्याकुल कर रही थी । 

उन्होंने इस समस्या के समाधान के लिए अपने मंत्रियों से परामर्श के लिए सभा आयोजित कराया ।उनकी परिषद के एक सुमति नामक मंत्री ने सलाह दी कि राजकुमारों के मानसिक स्तिथी को देखते हुए  विज्ञान, राजनीति और कूटनीति का ज्ञान देना अत्यंत कठिन और असफल प्रयास साबित  होगा। 

हमें राजकुमारों को धर्मग्रंथों और ग्रंथों को पढ़ाने के बजाय , उन्हें उनमें निहित ज्ञान को किसी अन्य प्रभावी तरीको से पढ़ाया जाना चाहिए। मंत्री सुमति के सुझाव पर राजा  ने राजकुमारों को  शिक्षित करने के लिए पंडित विष्णु शर्मा नाम के विद्वान ब्राह्मण  को नियुक्त किया। 

राजा ने पंडित विष्णु शर्मा ने इनाम के तौर पर बहुत सारा धन और जमीन देने का वायदा किया। पंडित विष्णुशर्मा ने कुछ भी लेने से इंकार  कर दिया।  उन्होंने  राजकुमारों को ज्ञान देने का प्रस्ताव एक चुनौती के रूप में  स्वीकार कर लिया लेकिन उनहोंने कहा की  मै ज्ञान देने के बदले में कोई धन नहीं  लूंगा  । 

पंडित विष्णु शर्मा ने उन्हें पारंपरिक तरीकों से सिखाने की कोशिश की लेकिन संतुष्ट नहीं हुए। फिर उन्होंने नैतिक पाठ के साथ लघु कथाएँ लिखना शुरू किया और ये कहानियाँ उन्हें पढ़ाने के लिए बहुत प्रभावी साबित हुई। उन्होंने इन कहानियों को आसान समझ और दिलचस्प बनाने के लिए एक-दूसरे के साथ जोड़ा था।  

जिनमे जंगली जानवर और पक्षीयो के पात्र होने से राजकुमार बड़े रोचक्ता के साथ कहानिया सुनते। जिसके फलस्वरुप वो राजकुमारों को अच्छा -बुरा, लाभ -हानि ,और कई अन्य जीवन के महत्वपूर्ण बातो को सीखने में सफल हुए।  अंततः राजा राजकुमारों के प्रगति से काफी प्रसन्न हुए। आज भी  यही रचनाये पंचतंत्र नाम से ही प्रसिद्द है। 

पंचतंत्र का नाम का मतलब (Meaning of Panchatantra)

पंडित विष्णुशर्मा ने पांच  प्रकार के अर्थ पूर्ण कहानी संग्रह को मिलाकर पंचतंत्र की रचना किया। 

पंचतंत्र कहानी संग्रह को  पांच भाग में बाटा गया है  (Parts of Panchatantra Stories in Hindi)

1-मित्र भेद (The Loss of Friends)

मित्र भेद पंचतंत्र का प्रथम भाग है। जिसका अर्थ है " मित्रता में मतभेद " या " किसी कारण से  मित्रता में दरार पड  जाना "। मित्रता तभी  तक सफल होती है जबतक हम एक दूसरे की गलतियों को माफ़ करते रहे और उससे सिख ले ताकि वो गलतिया आगे न हो। 

          मित्र भेद की प्रसिद्ध कहानियां (Famous stories of Loss of Friends) :

  1. सियार और ढोल 
  2. बन्दर और लकड़ी का खूटा 
  3. लड़ती भेड़े और सियार 
  4. व्यापारी का पतन और उदय 
  5. मुर्ख साहू 
  6. बगुला और केकड़ा 
  7. समझदार खरगोश और शेर 
  8. नीले सियार की कहानी 
  9. चिड़िया और  बंदर 
  10. शेर और  सियार 

2 -मित्र लाभ (The winning of friends)

मित्रलाभ पंचतंत्र का दूसरा भाग हैं ,जिसका मतलब है की मित्रता के लाभ से है। हम सभी जानते है की एकता में सकती होती है और मित्रता से हम एक साथ मिलकर अपने मुस्किलो को सरल बना सकते है।

मित्रता का नीव  दो व्यक्तियों के बिच के विश्वास , सम्मान, निष्ठा ,स्नेह  पैर टिका  है। मित्रता में लोग  एक दूसरे के बारे में बहुत अच्छे तरह से परिचित होते है जैसे की पसंद या नापसंद। 

मित्रता के फायदे और मित्रता करने से होने वाले फायदे को पंडित विष्णु शर्मा ने विभिन्न दिलचस्प कहानियो के माध्यम से समझाया है । 

           प्रसिद्ध कहानियां (Famous stories) :

  1. साधु और चूहा 
  2. हाथी और चूहों का राजा 
  3. ब्राह्मणी और तिल के बीज 
  4. व्यापरी के पुत्र की कहानी 
  5. दुर्भाग्यशाली बुनकर 

3 -काकोलूकियम (Kakolukiyam/Of Crows and Owls)

  काकोलूकियम पंचतंत्र का तीसरा भाग है।इस  भाग में युद्ध और शांति पर उल्लेख है। इस भाग का उद्देस्य है की हम बिना किसी उद्देश्य के या अनुचित करने से किसी से बैर लेके कुछ भी हासिल नहीं कर सकते। ऐसा करने से सामने वाले व्यक्ति का कम हमारा नुकसान ज्यादा होता है। 

 काकोलूकियम को पंडित विष्णु शर्मा ने विभिन्न दिलचस्प कहानियो के माध्यम से समझाया है। 


      प्रसिद्ध कहानियां (Famous stories):
  1. कौवे और उल्लू का बैर 
  2. हाथी और चतुर खरगोश 
  3. धूर्त बिल्ली का न्याय 
  4. ब्राह्मण और तीन ठग 
  5. बूढ़ा आदमी ,युवा पत्नी ,और चोर 
  6. ब्राह्मण ,चोर और दानव की कथा 
  7. दो सापो की कथा 
  8. चुहिया  का स्वयंवर 
  9. साप की सवारी करने वाला मेंढक 
  10. बोलने वाली  गुफा 

4-लब्ध प्रणाश (Loss of Gains)

लब्ध प्रणाश पंचतंत्र का चौथा भाग  हैं ,जिसका मतलब है की थोड़े की लालच में हम सब गवा देते है। कुछ ऐसे कृत्य  होते है जिनसे हमारे पहले से बनाये हुए विश्वास ,स्नेह और मित्रता नष्ट हो जाती है।  
 
इन बातो
 को पंडित विष्णु शर्मा ने विभिन्न दिलचस्प कहानियो के माध्यम से समझाया है। 

     प्रसिद्ध कहानियां (Famous stories) :

  1. बंदर और मगरमच्छ 
  2. लालची कोबरा और मेंढ़को का राजा 
  3. शेर और मुर्ख गधा 
  4. कुम्हार की कहानी 
  5. कुत्ता जो विदेश चला गया  
  6. सियार की रणनीति
  7. अविवेकी राजा 

5- अपरीक्षित कारक /नासमझी/मूर्खता  (Imprudence)

अपरीक्षित कारक का मतलब होता है की जब हम  कोई भी निर्णय बिना सोचे समझे ले लेते है और उसके अनुसार हम कार्य करते है तो उसका परिणाम हमेशा ही प्रतिकूल होता है। इस बात को समझाने के लिए पंडित विष्णुशर्मा जी ने कई कहानियो को माध्यम बनाया है , जो हमें अपने जीवन में सोच समझ  कर और उसे परख कर निर्णय लेने की सीख  देता है। 

इन  अपरीक्षित कारको के बारे में पंडित विष्णु शर्मा ने विभिन्न दिलचस्प कहानियो के माध्यम से समझाया है। 


      प्रसिद्ध कहानियां (Famous stories):
  1. ब्राह्मणी और नेवला 
  2. चार खजाना-चाहने वाले 
  3. जब शेर जी उठा 
  4. दो मछलियों और एक मेढक  
  5. संगीतमय गधा 
  6. ब्राह्मण का सपना 
  7. दो सिर वाला पक्षी 
  8. बन्दर का बदला 
पंचतंत्र की कहानिया बहुत ही रोचक और शिक्षाप्रद है। जिनसे हम स्वयं भी या अपने बच्चो को जीवन  उपयोग होने वाले महत्वपूर्ण जानकरियों  अवगत करा सकते है जो भविष्य में हमारे हर कदम पर सही निर्णय लेने में  सहायता करेंगी  आपको पंचतंत्र के बारे में पूरी जानकारी पढ़  के कैसा लगा ,आप जरूर शेयर करे। 

धन्यवाद् 
 




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